लोग कहते हैं कि प्यार में इंसान खुद की जिंदगी भूल जाता है और अपने जिंदगी के मकसद को पूरा नहीं कर पाता है। लोगों की यह सोच बहुत गलत है क्योंकि इंसान प्यार के साथ-साथ बहुत काबिल भी बन जाता है, और अगर सच्चा प्रेम साथी हो तो जिंदगी में कुछ बड़ा हासिल करने के लिए पूरी मेहनत करता है।
अनु विक्रम से बहुत प्यार करती थी लेकिन अनु के माता-पिता उसे विक्रम से दूर रहने के लिए बोलते थे। क्योंकि उसके माता-पिता को लगता था कि अगर तू प्यार में पड़ गई तो तेरी जिंदगी में कुछ कर ही नहीं पाएगी। अक्सर वह अपने माता-पिता को समझाती थी कि ऐसा कुछ नहीं होता है। मैंने ऐसे प्यार करने वाले भी देखे हैं जिन्होंने आज बहुत कुछ हासिल कर रखा है।
उधर विक्रम के माता-पिता उसके पीछे पड़े रहते थे कि तु अनु को छोड़ दें। उससे प्यार करना तेरी जिंदगी का सबसे गलत फैसला है, क्योंकि तू उससे ही प्यार करता रहेगा तो खुद के कैरियर पर ध्यान कब देगा। विक्रम को बहुत गुस्सा आता था कि उसे यह सब क्यों बोलते हैं। क्योंकि वह सोचता था कि मुझे पता है कि मुझे अपने करियर के लिए क्या करना है, और मैं अनु को क्यों छोड़ दूं। वह तो मेरा इतना साथ देती है मुझे इतना समझाती है।
अनु विक्रम को बहुत सपोर्ट करती थी। दरसल विक्रम पढ़ाई में बहुत होशियार था। विक्रम आईपीएस की तैयारी कर रहा था। विक्रम का बचपन से सपना था कि वह बड़ा होकर आईपीएस बने।
विक्रम ने अनु को सब बता रखा था कि उसे अपने करियर में क्या करना है। तो अनु भी विक्रम को पढ़ाई करते वक्त बिलकुल भी डिस्टर्ब नहीं करती थी। अगर विक्रम बीच में अनु को कॉल भी कर देता था तो वह उसे साफ मना कर देती थी कि पहले तुम अपना रिवीजन अच्छे से करो और फ्री होकर मुझसे बात करना।
विक्रम के पापा ने विक्रम से कहा था कि अगर तू अपनी जिंदगी में कुछ कर लेगा तो तेरी शादी अनु से जरूर होगी। विक्रम के लिए तो इतना ही काफी था कि उसके पापा उन दोनों की शादी के लिए मान तो जाएंगे, इसलिए उसने डबल मेहनत करना शुरू कर दिया।
विक्रम दिन में सिर्फ 5 मिनट ही अनु से बात करता था लेकिन अनु को उससे कोई दिक्कत नहीं थी। क्योंकि अनु को पता था कि वह सिर्फ अपनी पढ़ाई में बिजी है। अनु तो खुश थी कि अगर वो आईपीएस बन जाएगा तो उनकी शादी बहुत जल्दी ही हो जाएगी।
दोनों की अंडरस्टैंडिंग बहुत अच्छी थी। एक दूसरे की बात को समझते थे और सिचुएशन के हिसाब से ही अपने काम करते थे। दूसरे लड़के लड़कियों की तरह जब मन करता था मिलने के लिए नहीं आते थे। क्योंकि उन्हें पता था कि अगर उनके परिवार को पता चलेगा तो वह शादी के लिए तो साफ़ ही मना कर देंगे।
विक्रम अनु से हर वक्त कहता था कि तुम भी पढ़ना शुरू कर दो। विक्रम कहता है एक बार सोच कर देखो कि हम दोनों ही आईपीएस बन गए तो हमारी जिंदगी कैसी होगी लोग हमें सेल्यूट करेंगे। अनु भी पढ़ाई तो करती थी लेकिन उसमें इतनी पढ़ाई को लेकर शिद्दत नहीं थी।
विक्रम ने जब उसे कहा कि तुम पढ़ना शुरू कर दो तो अनु भी जी जान से आईपीएस की तैयारी में लग जाती है। एग्जाम नजदीक आ रहा था और दोनों ने बात करना बिल्कुल ही बंद कर दिया था। अब तो दिन में 5 मिनट भी एक दूसरे को नहीं देते थे।
दोनों ने प्री और मेंस तो क्लियर कर लिया था, लेकिन इंटरव्यू में ऐसा हुआ कि विक्रम तो निकल गया लेकिन अनु का इंटरव्यू पास नहीं हो पाया। अनु को बहुत दुख होता है कि वह इतनी मेहनत करके भी इंटरव्यू पास नहीं कर पाई। लेकिन एक तरफ खुशी भी थी कि विक्रम ने तो इंटरव्यू भी पास कर लिया अब तो बस उसकी पोस्टिंग की देरी है।
अनु में अब ओर जोश आ गया था कि अगर उसने मेंस तक क्लियर कर लिया तो इंटरव्यू भी जरूर ही क्लियर कर लेगी। नेक्स्ट ईयर अनु ने भी इंटरव्यू पास कर लिया और उसको भी ट्रेनिंग के लिए लबसना भेज दिया।
अब दोनों ही एक आईपीएस कपल है लोग दोनों के प्यार की मिसाल देते थे कि प्यार करें तो ऐसा की एक दूसरे को सक्सेसफुल बनाने के लिए जी तोड़ मेहनत करे।
उनका परिवार बहुत खुश था और उन दोनों की शादी करवा दी थी। उनकी शादी में बहुत बड़े-बड़े आईपीएस, आईएएस ऑफिसर भी मौजूद थे जिनको देखकर अनु और विक्रम के परिवार को उन पर बहुत गर्व महसूस हो रहा था कि हमारे बच्चे आज इतने कामयाब हो गए हैं कि उनकी वजह से हमें भी इतने काबिल लोगों से मिलने का मौका मिल रहा है।
अनु और विक्रम अपने माता-पिता से कहते हैं कि यह सब आपकी वजह से ही हुआ है, क्या पता अगर आप लोग हमें पहले ही शादी के लिए बोल देते तो आज हम इतनी मेहनत करके इस मुकाम पर नहीं पहुंच पाते।
Leave a Reply