निशांत शहर में नया था। अपनी बुआ के घर रहने आया था। निशांत की बुआ की लड़की थी जो निशांत के आने पर खुब खुश हुई थी। बुआ अपनी बेटी से कहती है कि खुद की तरह निशांत को मत बिगाड़ देना। रिद्धिमा कहती है कि आप मुझे भी घूमने के लिए कंपनी मिल गई है। अब मैं निशांत के साथ अच्छे से घूम सकती हूं।
असल में निशांत अपनी दोस्त को ढूंढ रहा था जो कुछ साल पहले निशान से गुस्सा होकर चली गई थी। निशान अन्वि से बहुत प्यार करता था लेकिन उनके बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हो गया था। निशांत ने गुस्से में अन्वी से कह दिया था कि मुझे किसी की जरूरत नहीं है। उसी वक्त अन्वि में निशान से दूर चली जाती है।
अब निशांत तन्वी की तलाश में इधर-उधर भटकता रहता था कि कैसे भी उसे अन्वी मिल जाए। अन्वि ने अपना फोन नंबर भी चेंज कर लिया था, जिस वजह से निशांत का उससे कांटेक्ट भी नहीं हो पाया था। अन्वी के माता-पिता बहुत गुस्से वाले थे इसलिए अन्वि ने कभी उन्हें निशांत के बारे में कुछ नहीं कहा था।
निशांत और अन्वी एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे। उनको दोनों को ही पता था कि वह एक दूसरे के अलावा किसी और के साथ जिंदगी बिताने की सोच भी नहीं सकते हैं। अन्वी ने जब वापस निशांत को कांटेक्ट करने की कोशिश करी थी तब निशांत का नंबर बंद आता था। ऐसे करके दोनों ही एक दूसरे से बात करने की कोशिश तो करते हैं लेकिन हालातो के कारण मिल नहीं पाते हैं।
निशांत अन्वि को हर जगह ढूंढता है लेकिन अभी तक उसकी कोशिश नाकामयाब ही हो रही थी। हालांकि अन्वी उसी शहर में थी जहां निशांत उसे ढूंढ रहा था। रिधिमा का बॉयफ्रेंड जीद करके निशांत को खुद के साथ कॉफी के लिए ले जाता है।
रिद्धिमा और उसका बॉयफ्रेंड निशांत से पूछते हैं कि क्या बात है निशांत तेरी शक्ल क्यो उतरी हुई है? कोई लड़की का चक्कर है क्या भाई?
निशांत कहता है कि नहीं नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, लेकिन वह समझ रहा था कि कुछ तो बात है, तो कहता है कि भाई निशांत में सब समझ सकता हूं। तुम मुझे बता सकता है। निशांत कहता है कि हां लड़की का ही चक्कर है जो मुझसे रूठ कर चली गई है।
रिधिमा का बॉयफ्रेंड कहता है तो क्या हो गया भाई लड़की मान ही जाएगी। निशांत कहता है नहीं इतना आसान नहीं है। मैं उसको कब से ढूंढ रहा हूं अब तक हूं मुझे अब तक नहीं मिली।
इतने दिनों से निशांत यह सोच रहा था कि अन्वि सच में उससे झगड़ा करके गई है। लेकिन असल में ऐसा नहीं था, अन्वी की मां ने निशांत को हर जगह से ब्लॉक करवा दिया था। इसलिए अन्वि निशांत से कांटेक्ट नहीं कर पा रही थी।
अचानक एक दिन चमत्कार होता है। अन्वि कैसे जैसे करके निशांत को कॉल करती है और निशांत को सब बताती है। निशान सबसे पहले उससे पूछता है कि तुम अभी कहां रहती हो। मैंने तुम्हें कहां-कहां नहीं ढूंढा रोते हुए कहता है। तुम मुझे ऐसे क्यों छोड़ कर चली गई थी इतने साल से मैं कितना परेशान था तुम सोच भी नहीं सकती।
अन्वी निशांत को बताती है कि मैं दिल्ली में रहने लगी थी। निशांत उससे कहता है मैं भी अभी दिल्ली में हूं तुम मुझे बताओ मैं तुम्हें कहां मिलूं। प्लीज अन्वि मुझसे मिलने आओ, मैं तुमसे मिलने के लिए तड़प रहा हूं। तुम सोच भी नहीं सकती हो कि मैं कितना बेताब हूं यह सुनकर कि तुम भी यही हो। तुम्हारे बिना इतने दिन मैने कैसे बिताए हैं यह मैं ही जानता हूं।
अन्वी निशांत को मिलने की जगह बताती है। दोनों एक-दूसरे से मिल ही लेते हैं। दोनों दूर से ही एक दूसरे को देखकर रोने लगते है और जोर से गले मिलते हैं। अन्वि निशांत से कहती है कि प्लीज निशांत मुझे यहां से ले चलो मैं नहीं रह सकती तुम्हारे बिना। अन्वी कहती है कि मेरे मम्मी पापा हमारी शादी के लिए भी नहीं मानेंगे।
निशांत तुम कैसे भी मुझे लेकर चलो मुझे नहीं रहना यहां। इन लोगों को लगता है कि मैं तो कोई इंसान ही नहीं हूं। मुझे मेरे ही घर में बहुत घुटन महसूस होती है। मेरे मम्मी पापा भी अच्छे से बात नहीं करते हैं, जैसे मैं उनकी बेटी ही नहीं हूं। जब से मैंने उन्हें तुम्हारे बारे में बताया है वह मेरे साथ अच्छे से बर्ताव ही नहीं करते हैं। उनकी वजह से ही मैं तुमसे बात नहीं कर पा रही थी।
निशांत अन्वि को शांत करता है और कहता है कि तुम टेंशन मत लो मैं तुम्हें यहां से बहुत दूर ले चलूंगा। हम कल ही यहां से चले जाएंगे तुम जब मैं बोलूं बस तैयार रहना। निशांत अन्वि को घर से भगा ले जाता है और मंदिर में जाकर शादी कर लेते हैं। घर वालों के डर से दोनों पुलिस की सिक्योरिटी में रहते हैं ताकि उनको घर वाले परेशान ना करें।
अन्वी बहुत खुश थी दोनों ने इतने साल दूर रहकर भी अपने प्यार को अंजाम दिया और शादी करी। हमेशा के लिए बंधन में बंध गए।
जब प्यार सच्चा हो तो उन्हें मिलने से कोई भी नहीं रोक सकता है। और निशांत ने अपने प्यार के लिए सब कुछ किया जैसा अन्वी ने कहा निशांत ने बिल्कुल वैसा ही किया अगर निशांत भी अपने मम्मी पापा की वजह से अन्वी को उसकी हालत में छोड़ देता तो अन्वी तो कभी किसी पर भरोसा ही नहीं कर पाती।
Leave a Reply