चेतना बहुत ही अच्छी लड़की थी। अच्छी लड़की होने के साथ-साथ बहुत अच्छी पत्नी और बहुत अच्छी हाउसवाइफ भी थी। चेतन को हर वक्त सिर्फ अपने घर और बच्चों की चिंता लगी रहती थी और उसने कभी अपने बारे में तो सोचा ही नहीं।
चेतना का पति उसका बहुत साथ देता था और उसके पति को पता था की शादी से पहले चेतना को पढ़ने का बहुत शौक था और अभी भी है। चेतना को जब भी खाली वक्त मिलता था तो वह सिर्फ किताबें ही पड़ती थी। चेतना की नॉलेज बहुत अच्छी थी।
अपने बच्चों के लिए उसने कोई ट्यूशन भी नहीं लगा रखा था। खुद से ही अपने बच्चों को पढ़ा लेती थी। उसके बच्चे हर बार क्लास में बहुत अच्छे मार्क्स लाते थे, और उनकी टीचर बहुत तारीफ करती थी कि आप अपने बच्चों को बहुत अच्छे से पडाते है। और बहुत अच्छे मैनर्स दे रखे हैं। नहीं तो हमने ऐसे पेरेंट्स भी देखे हैं जो अपने बच्चों पर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते हैं।
शादी से पहले चेतना का सपना था कि वह सरकारी जॉब करें। लेकिन जल्दी शादी होने के चक्कर में उसकी पढ़ाई छूट गई। दरसल उसके पिताजी बहुत बीमार रहते थे जिस वजह से उन्होंने चेतना की शादी बहुत जल्दी कर दी थी।
चेतना ने भी कभी अपने पति से जिक्र नहीं किया था कि उसे पढ़ने का शौक था। अगर वह अपने पति को बहुत पहले ही बता देती तो वह उसे शादी के बाद भी पढ़ने के लिए नहीं रोकता। चेतना का पति बहुत सपोर्टिव था वह समझता था की चेतना भी एक इंसान है इसकी भी बहुत सारी ख्वाहिशें होगी।
एक बार दोनों हसबेंड वाइफ बैठे बातें कर रहे थे, तो चेतना का पति उससे पूछ लेता है कि तुम्हारा कभी पढ़ने का शौक नहीं था क्या? तो चेतना मुस्कुराते हुए कहती है की शौक भी था तो क्या हुआ शादी के बाद तो सारे शौक ही खत्म हो गए। चेतना के पति को बहुत बुरा लगता है यह सुनकर की चेतना ने हमारे लिए अपने सारे शौक ही छोड़ दिए।
चेतना का पति सोचता है कि अभी चेतना का बर्थडे आ रहा है। मैं उसे बहुत अच्छा सरप्राइज दूंगा। दरअसल वह सोच रहा था कि वह चेतना को बुक्स गिफ्ट करें, ताकि वह अपनी पढ़ाई वापस से शुरू कर दे। चेतना का बर्थडे का दिन था और केक कट करने के बाद वह अपने कमरे में चले जाते हैं।
जैसे ही चेतना और उसका पति रूम में जाते हैं चेतना को सामने पड़े हुए गिफ्ट्स दिखते हैं। तो चेतना बहुत खुश हो जाती है, कि आपने मेरे लिए इतने सारे गिफ्ट्स लिए हैं, तो उसका पति कहता है कि एक बार तुम इन्हे खोलकर तो देखो। तुम्हें भी बहुत खुशी होगी इन्हें देख कर।
चेतना जैसे ही उन बॉक्स को खोलती है तो देखती है कि उसमें रीट की किताबें हैं। चेतना उन्हें देखकर बहुत खुश होती है, और अपने पति से पूछती है कि आप इतनी सारी किताबें क्यों लेकर आए हैं, अब इनका क्या मतलब है।
तो उसका पति कहता है कि यह सब तुम्हारे लिए ही है। मैं नहीं चाहता कि तुम हम लोगों के लिए अपने सपने को छोड़ो। अब तुम अपनी पढ़ाई वापस से शुरू करो। मैं तुम्हें पूरा सपोर्ट करुंगा अगर मम्मी पापा कुछ कहेंगे तो मैं उन्हें समझा दूंगा।
चेतना ने पढ़ना शुरू कर दिया था। वह रीट की तैयारी करने लगी थी उसके पति ने उसे ऑनलाइन कोर्स दिलवा दिया था जिससे उसे बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती थी। वह घर का काम करने के साथ-साथ अपनी पढ़ाई भी मैनेज कर रही थी।
रीट की वैकेंसी निकलते ही चेतन ने फॉर्म भर दिया था और चेतन जिस दिन एग्जाम देने गई थी उसके पति ने उसे यही कहा था कि तुम्हारी मेहनत जरुर रंग रहेगी तुमने इतना सब मैनेज करके भी पढ़ाई करी है तो भगवान ने तुम्हारी मेहनत अच्छी है वह तुम्हारे साथ जरूर अच्छा करेंगे।
चेतन एग्जाम देने के लिए चली जाती है उसका सेंटर भीलवाड़ा में आता है और वह अकेली ही एग्जाम देने गई थी क्योंकि उसके पति को कुछ काम था तो वह उसके साथ नहीं जा पाया था चेतन एग्जाम देकर जब वापस लौट रही थी तो वह अपने पति से फोन लगाकर रहती है कि मुझे उम्मीद है कि मेरा सिलेक्शन हो जाएगा क्योंकि मेरा पेपर बहुत अच्छा हुआ है।
जब चेतना का रिजल्ट आता है तो वह अपनी लिस्ट देख रही थी तब उसे अपना नाम दिखाई देता है चेतना इतनी खुश होती है कि अपने पति को सबके सामने हैक कर लेती है चेतना का रेट में सिलेक्शन हो चुका था और एक हाउसवाइफ होते हुए भी उसने सरकारी जॉब हासिल कर ली थी।
लोग कहते हैं कि एक औरत हाउसवाइफ बनने के बाद अपनी पढ़ाई नहीं कर पाती है लेकिन चेतन ने उन सब का सबको गलत ठहरा दिया था वह अपनी पढ़ाई तो कर ही रही थी और साथ में अपना हाउसवाइफ होने का फर्ज भी निभाया।
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