पैसे के लिए दोस्ती का नाटक:-
रुजल सिर्फ अपने फायदे के लिए ही दोस्त बनाती थी और जिन्हें वह अपना बेस्ट फ्रेंड कहती थी दरसल उनको सिर्फ पैसे एटने के लिए दोस्त मानती थी। रूजल जैसी फ्रेंड्स तो भगवान किसी को ना दे।
रुजल एक गरीब परिवार की लड़की थी लेकिन उसे हर वक्त पैसे चाहिए होते थे। जब भी कोई ड्रेस देख लेती तो बस उसे लेने की जिद करने लगती थी। जब उसे उसके मां-बाप मना कर देते कि अभी हमारे पास पैसे नहीं है, तो वह उनसे बात ही नहीं करती थी।
रुजल सिर्फ खुद के बारे में ही सोचती थी। अपने मां-बाप की स्थिति भी नहीं देखना चाहती थी, उसके पिता दिन-रात मेहनत करके उसकी पढ़ाई में पैसे लगा रहे थे। लेकिन वह सिर्फ यह देखती थी कि मेरे पापा तो मुझे पैसे ही नहीं देते हैं। मेरी कॉलेज में और लड़कियां हैं जिनके पास कितनी ड्रेस है। और एक मैं हूं जो हर दो-तीन दिन में ड्रेस रिपीट करती रहती हु।
रुजल जब भी कॉलेज जाती वहां लड़कियों का फैशन देखकर उसका भी मन करता कि मैं भी इन लड़कियों की तरह रहूं। दरसल रुजल के माता-पिता उसे इतनी छूट नहीं देते थे, उन्हें लगता था कि हमारी बेटी बिगड़ जाएगी। रुजल तो वैसे भी अपने माता-पिता का कहना तो कहां ही मानती थी।
रुजल ने अपने बहुत से फ्रेंडस से पैसे ले रखे थे। और उन्हें कह देती थी कि जब मेरे पास होंगे मैं तुम्हें वापस लौटा दूंगी। उसके दोस्त भी क्या ही करते वह उनके पीछे ही पड़ी रहती थी।
पैसे के लिए तो रुजल अलग-अलग नए-नए दोस्त बनाती थी, और इंस्टाग्राम पर तो इतने लड़कों से बात करती थी कि हर लड़के को एक दो बार बात करने पर ही पैसे के लिए कह देती थी। वह लड़के भी ऐसे ही होते थे जो जो बिना कुछ सोचे समझे उसके मांगने पर उसे पैसे भी दे देते थे।
रूजल को तो क्या था चिंता थी अगर पैसे चुकाने पड़ते तो उसके मां-बाप को ही रूजल तो ऐश करने में लगी थी और यह नहीं देखा कि उसने कितने पैसे उधार ले लिए हैं अब वह उन लोगों को पैसे लौटआएगी भी कैसे।
रुजल की दो सहेलियां थी जो बचपन से उसके साथ थी। रुजल ने तो उनको भी नहीं छोड़ा था। रुजल सिर्फ कहने के लिए उन्हे दोस्त बोलती थी। अक्सर वह जब भी उसे पैसे की जरूरत होती उन्हें ही कहती और अगर उसकी दोस्त उसे मना कर देती तो उनसे कहती कि तुम तो मेरी फ्रेंड्स हो ही नहीं। तुम लोग अपनी फ्रेंड के जरूरत के वक्त काम भी नहीं आ सकते हो।
उसकी फ्रेंड्स भी इमोशनल होकर उसे पैसे दे देती थी और उधर से कहती थी कि प्लीज यार जल्दी ही वापस लौटा देना मेरे पापा भी मुझे ज्यादा पैसे नहीं देते हैं मैं तो अपनी सेविंग से तुझे पैसे दिए हैं।
रूजल कह देती है कि हां यार मैं तुझे वापस जल्द ही लौटा दूंगी। सुजान ने अपने दोस्त से झूठ बोलकर पैसे लिए थे कि मेरी मम्मी की तबीयत बहुत खराब है और अभी मेरे पापा के पास पैसे नहीं है तुम मुझे उनके लिए दवाई लानी है जब मेरे पापा मुझे पैसे दे देंगे तो मैं तुझे वापस लौटा दूंगी।
एक दिन पूजन की मैन बाजार में उसकी फ्रेंड को दिखती है और वह जाकर उनसे पूछ लेती है कि आंटी आपकी तबीयत अब कैसी है तो रूजल की मां कहती है कि बेटा मैं तो बिल्कुल ठीक हूं मेरी तबीयत को क्या होगा।
तो रूजल की दोस्त रहती है कि आंटी रोजन ने दो दिन पहले मुझे ₹2000 लिए थे यह कहकर कि मेरी मां की तबीयत खराब है और उन्हें दवाई दिल कर लानी है ऊजन की मां को बहुत गुस्सा आता है कि रूजल ने झूठ बोलकर पैसे लेने शुरू कर दिए हैं।
उसकी मां को क्या पता था कि रुजल ने तो बहुत उधारी कर रखी है। रूजल की मां घर जाते ही उससे कहती है कि तूने अब झूठ बोलकर पैसे लेने शुरू कर दिए हैं। रुजल नीची गर्दन करके खड़ी रहती है, और उसी वक्त एक लड़का रूजल के घर आता है और उससे कहता है कि यार अब तो तू मेरे पैसे वापस दे दे। रूजल की मां देखती है कि इसने तो पता नहीं कितने लोगों से पैसे ले रखे हैं।
रुजल की माँ उससे पूछती है की लड़की तु इतनी बड़ी हो गई है क्या? जो हर किसी से ही उधारी कर रखी है। तुझे तेरे बाप की हैसियत पता है ना वह लोगों के पैसे कैसे चुकाएंगे।
रुजल की वह दोनों सहेलियां उसके घर आती है, और उससे कहती है कि रुजल तू इतनी गिरी हुई कैसे हो सकती है। हम तो तुझे अपना सच्चा दोस्त मानते थे, और तू तो हमारे साथ दोस्ती का सिर्फ नाटक कर रही थी, वह भी पैसे के लिए।
रुजल को किसी से कुछ फर्क ही नहीं पड़ता है और अभी भी अकड़ में बोलती है कि तुम्हारे पैसे में लौटा दूंगी। ज्यादा मेरे सर पर चढ़ने की जरूरत नहीं है। मैंने तुम्हें पैसे देने के लिए मना नहीं किया है। उसी वक्त रूजल की मां उसे एक थप्पड़ मारती है और कहती है कि कौन सी नौकरी करती है, जो तू उनके पैसे वापस लौटा देगी।
रूजल की फ्रेंड्स तो वहां से चली जाती है और रुजल से कहती है कि अब हमसे कभी बात करने की कोशिश भी मत करना। अब हम तेरे दोस्त नहीं है। हमें ऐसे दोस्त नहीं चाहिए जो सिर्फ अपने मतलब के लिए बात करते हैं।
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